उत्तर प्रदेश के 3 सबसे महत्वपूर्ण जगह जहां एक बार आपको जरूर घूमना चाहिए
वैसे तो भारत अपने कल्चर संस्कृति के लिए दुनिया भर में जाना जाता है लेकिन आज हम इस ब्लॉक में बात करेंगे भारत की 3 ऐसी जगह जो आपके जीवन में एक बार जरूर विकसित करना चाहिये
मथुरा
आप सभी लोग जानते होंगे कि श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में ही हुआ था और यह श्री कृष्ण जन्म स्थान के साथ-साथ एक मस्त टूरिस्ट पैलेस भी है और यहां हर साल लाखों में श्रद्धालु यहां श्री कृष्ण की मंदिर देखने के लिए आते हैं और यह भारत भर में बहुत प्रसिद्ध है
यहां के द्वारकाधीश मंदिर अपने प्रसिद्ध वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है
गोविंद देव जी मंदिर भी यहीं पर है या भगवान श्री कृष्ण का मंदिर है और यह भी अपने वास्तु कला और पूजा पाठ और पूजा अर्चना के लिए भी जाना जाता है
कुसुम सरोवर यहां का प्रसिद्ध सरोवर है जिसमें श्री कृष्ण भगवान ने अपने लिए यहां पर कुसुम का फूल चुने थे
वृंदावन मथुरा के पास ही स्थित एक शहर है यहां पर ही श्री कृष्ण भगवान ने अपनी लीलाएं रची थी यह इसलिए फेमस है
वृंदावन
आपको बता दें कि वृंदावन में ही बांके बिहारी जी का मंदिर स्थित है जो अपने आप में ही एक अद्भुत मंदिर है यह मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित है जो एक विशिष्ट पहचान बनाता है हिंदू धर्म
प्रेम मंदिर जो श्री कृष्ण को समर्पित है यह भी यही स्थिति है आपको बता दे यह मंदिर श्री कृष्ण भगवान के लिए प्रसिद्ध है यहां यहां हर साल लाखों देश विदेश के सैलानी घूमने के लिए आते हैं
अगर आपने यदि आपने श्री कृष्ण लीला पढ़ी होगी तो अपने मधुबन का नाम सुना ही होगा यह घाट भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ है और इसी वजह से इसका नाम मधुबन पड़ा है
कैसी घाट कैसी घाट पर श्री कृष्ण भगवान ने कैसे नाम का रक्षा का वध किया था तभी से तभी से इस घाट का नाम कैसी घाट रखा गया है
प्रयागराज
प्रयागराज जो पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था यहां पर तीन नदियां गंगा जमुना सरस्वती का मिलन होता है इसीलिए प्रयागराज नाम दिया गया है यहां पर हर 12 वर्ष पश्चात एक मेले का आयोजन किया जाता है जिसे कुंभ का मेला कहते हैं इसी प्रयागराज में भारत विज्ञान संस्था एक प्रसिद्ध शैक्षिक संस्था यही स्थिति है आनंद भवन जो नेहरू परिवार का आवास था आज वह संग्रहालय है वह यही प्रयागराज में ही स्थित है
सारनाथ
सारनाथ उत्तर प्रदेश में स्थित एक पवित्र शहर है जो भगवान बुद्ध के जीवन के साथ जुड़ा हुआ यहां का धमेक सपूत जो भगवान बुद्ध की याद में बनाया गया है अशोक स्तंभ यहीं पर बनवाया गया था जो महाराज अशोक ने बनवाया था यहां का सारनाथ संग्रहालय में भगवान बुद्ध की अनेक महत्वपूर्ण कलाकृतियां उपलब्ध है और भी बहुत कुछ है अगर यहां पर आप घूमने चाहते हैं तो आपको कोई अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच में होगी और यह सारनाथ शहर बनारस से 10 किलोमीटर दूर स्थित है यह घूमने के लिए एक टूरिस्ट स्पॉट के साथ-साथ एक धार्मिक पैलेस भी है
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